Search This Blog

Saturday, July 16, 2011

meri kalam se: उलझन

meri kalam se: उलझन: "दिल में बडी विचित्र-सी उलझन है न जाने कैसा सूनापन है क्यूँ निराश हुआ ये मन है, कोई तो बता दे! मायूसी का सागर खडा सामने मानो आगोश में ले..."

No comments:

Post a Comment